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shayri


मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,


तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया?


कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर,

कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।

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Bio: Inner_about
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